छत्तीसगढ़ के टोटके। chhattisgarh ke totke


छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार के टोटके किये जाते हैं।गॉव में टोटके पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते रहते हैं ।कभी टोटके अच्छे कामना के लिए किये जाते हैं तो कभी अहित या बुरे कामना के लिए किये जाते हैं तो कभी घर मे सुख शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है। टोटके ग्रामीण जीवन मे परम्परा के रूप में जुड़े हुए हैं।हमने कुछ टोटके यहां पर आप लोगों से साझा करने का प्रयास किया है।

        
                             टोटके

1.बिल्ली द्वारा रास्ता काटना।

2.कहीं जाते समय खाली घड़ा देखना।

3.सियार द्वारा रास्ता काटना।

4.किसी कार्य के शुभारम्भ पर विधवा महिला का सामने होना।

5.दिया का बुझना।

6.घांव में कीड़े पड़ना।

7.कुत्ते का रोने जैसा आवाज करना।

8.नीबू, मिर्च को दरवाजे पर टांगना।

9.काला कंगन,और लाल रिबन टांगना।

10.दूल्हे को लोहा पकड़ाना।


11.बांझ महिला से सामना।

12.खाट का उल्टा होना।

13.चप्पल का उलटा होना।

14.रात में उल्लू का आवाज ।

15.किचन से बर्तन का आपस मे टकराने का आवाज आना।

16.दूध का उफनना।

17.दही में कीड़ा पड़ जाना।

18.काले घोड़े का नाल।

19.कछुआ का मूर्ति रखना।

20.दुकान आदि में लाफिंग बुढ्ढा रखना।

21.दरवाजा के सामने दरवाजे की ओर पैर करके न सोना।

22.बादल गरजते समय दरवाजे पर खड़ा न होना।

23.मंगलवार के दिन कोई कार्य प्रारंभ न करना।

24.शनिवार के दिन सेविंग न करना।

25.परिवार में किसी के मृत्यु हो जाने पर टकला हो जाना।

26.परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर मिट्टी का बर्तन फेंक देना।

दोस्तों यदि आपको भी टोटके पता हो तो हमसे अवश्य शेयर करें।आपको यह जानकारी कैसा लगा कमेंट के माध्यम से हमें अवश्य बताएं।

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