प्राथमिक स्तर के शालाओं में कहानी बच्चों के भाषाई कौशल के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।कहानी के माध्यम से बच्चों में अभिव्यक्ति क्षमता, तर्क शक्ति,कल्पनाशीलता आदि गुणों का विकास होता है।
यह बाल कहानी बच्चों के इन्हीं गुणों के विकास को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया जा रहा है-
गधा और घोड़ा
एक गॉव में एक व्यापारी रहता था, उसके पास एक घोड़ा और एक गधा था।व्यापारी जब सामान बेच कर घर आता तो, दोनों को चारा चरने के लिए घर के पास मैदान में छोड़ देता था।
गधा काम चोर था, जब व्यापारी घोड़े की प्रशंसा करता तो ओ चिढ़ता।
एक दिन गधा और घोड़ा दोनों चारा चरते-चरते एक बाड़ी के पास पहुँच गए, गधा बाड़ी के अंदर चला गया ।बाड़ी में लगे खीरे को खाने लगा , पर घोड़ा अंदर नही गया ,क्योंकि ओ जानता था अंदर में कुछ सब्जियां लगी होंगी ,कोई देख लेगा तो मार पड़ेगा।
कुछ देर बाद बाड़ी का मालिक सब्जियों को देखने आया,उसको आता देख गधा को लगा कि अब तो वह जरूर मार खाएगा।गधा को उपाय सूझा और घोड़े को बहाने से बाड़ी के अंदर बुला लिया और खुद बाहर आकर घोड़े को आवाज देने लगा,बाड़ी के अंदर मत जाओ सब्जियां लगी है ।इतने में बाड़ी का मालिक पहुँचा और घोड़े को खूब मारा।
अब गधा रोज कोई न कोई बहाना बनाकर घोड़े को बाड़ी के अंदर बुलाता और मार खिलाता।कुछ दिन बाद घोड़ा ,गधे के इस चाल को समझ गया ,और गधे को मजा चखाने का सोचा।
उस दिन भी गधा चारा चरते चरते बाड़ी में घुस गया और बाड़ी के मालिक को आता देख,घोड़े को बहाने से अंदर बुला लिया और खुद बाहर आकर खड़ा हो गया।
गधा कुछ बोल पाता उससे पहले बाड़ी मालिक के पास आते ही घोड़ा अंदर से चिल्लाया-गधा भैया आज आपके खाने के लिए बाड़ी के अंदर कुछ भी नही है, मैं रोज आपको मना करता हूँ ,फिर भी आप मुझे जबरदस्ती बाड़ी के अंदर भेज देते हो।
इतना सुनते ही बाड़ी का मालिक समझ गया कि बाड़ी में लगे खीरे को गधा खाता है ।घोड़ा मजबूरी में बाड़ी के अंदर जाता है। बाड़ी के मालिक ने गधे को खूब मारा ,गधा अधमरा हो गया।
गधा जैसे-तैसे घर पहुँचा।घर पहुँचते ही व्यापारी ने दोनों के ऊपर सामान लाद दिया और सामान बेचने निकल गया ।गधा पहले ही अधमरा हो चुका था,चल नहीं पा रहा था ।व्यापारी ने मार-मार कर उसका हालत खराब कर दिया,गधा उस दिन से समझ गया कि जैसी करनी वैसी भरनी।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी के प्रशंसा पर जलने के बजाय,उसके जैसे बनने का प्रयास करना चाहिए।किसी से बदले की भावना नही रखना चाहिए ।
यदि किसी से बदले की भावना रखते हैं ,तो उसका परिणाम हमें जरूर भुगतना पड़ता है।
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4 Comments
Majedar kahani hai
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
DeleteSandar kavita
ReplyDeleteआप मन हमर से अइसने जुड़े रहौ हमन नवा नवा कविता कहानी सुनात रहिबो
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