छत्तीसगढ़ी मया शायरी/लव शायरी ।cg maya shayari

संगी हो जय जोहार, ‘छत्तीसगढ़ी शायरी’ ल आप मन के बहुत मया दुलार मिलिच।आप सब झन बहुत सराहेव तेखर बर बहुत बहुत धन्यवाद।आज हमन आपमन बर नवा शायरी लिखे हन ,जेखर नाव हे ‘छत्तीसगढ़ी मया शायरी।’

वइसे तो छत्तीसगढ़ी म शायरी के चलन कम हे,फेर जतका संगी मन छत्तीसगढ़ी शायरी ल पसन्द करथौ आप मन बर प्रस्तुत हे-‘छत्तीसगढ़ी मया शायरी।’

               छत्तीसगढ़ी मया शायरी

1.तहिं हवस मोर मया के रानी, तहिं मोरे संसार ओ।
तोर बिना मोर जग अंधियार, तहिं जिये के आधार ओ।।

2.देखे हौं जब ले तोला गोरी,कुछु मोला नई भावत हे।
मया के का तैं जादू डारे,मोर दिन ह नई पहावत हे।।

3.हिरदे के भीतरी म तोला बसाए हौं,जिनगी ल नाम तोरे लिखाए हौं।
जनम-जनम ले छूटय झन मया के बंधना,तोला आँखी के पुतरी बनाए हौं।।

4.चन्दा सुरुज के उवत-बूड़त ले,रहिबो संगे साथ म।
गिर जहूँ कहूँ जिनगी के डगर म, रखबे हाथे हाथ म।।

5.कान म बाली सोहै तोरे,नाक म नथनी चमकय ओ।

होठ के लाली मन ल मोहय, खोपा गजरा महकय ओ।।

6.नजरे नजर म झूलत रहिथे,मुच ले तोर मुस्काई ह।
कब आबे मोर रानी बनके,घेरिबेरी याद आथे तोर लजाई ह।।

7.तोर मया म सब ल छोडेंव घर दुवार परिवार,
तोर मया बइहा बनके,किंजरेंव खारे खार।
झन तरसा आजा रे निरमोही,जिनगी होवत हे खुवार।।

8.छोड़ मोला चले पिया के दुवारी,टोरे मया के बंधना ल।
सुख म जिनगी पहाबे जा तैं,भुला जाबे मोर सपना ल।।

9. मन म रात दिन सुरता तोरे, गिरथे आँसू बनथे नाम तोरे।
कोनो दूसर ल झन देखय आँखी,तोला देखना एखर काम होगे।।

10.मया के बंधना कतका अजीब होथे, रहिथे दुरिहा म फेर हिरदे के करीब होथे।
मैं ह मया म बरबाद हो गेंव त का,सब अपन अपन नसीब होथे।।


11.मिलहौंव मैं तोर बिछड़े के पहिली,पाहौं तोला खोये के पहिली।

और जिहौं तोर संग मरे के पहिली।।

12. कइसे कहौं के कइसे हौं मैं|

फेर एतका जान ले तैं खुश हस त खुश हौंव मैं।।

13.मया करथों अड़बड़ तोला,नई होवय यकीन त पूछ ले सुबह सांझ से।
सिरतो कहत हौं मान ले,ये हिरदे धड़कथे तोर नाम से।।

14.जब आँखी-आँखी आपस म बात करथें,सब कहिथें अइसने मया के शुरुवात होथे।
कुछु काहिं म मन नई लागय,पता नई चलय कब दिन त कब रात होथे।।

15.करले मोर से मया तैं मन मिलाके,धोखा झन देबे अपन बनाके।
जियत भर ले संगे म रखले,फेर मत कहिबे लच दिस हिरदे म समाके।।

16.खुशी ले मन ल जुड़ाये रखबे,दुख म धीरज बांधे रखबे।
फेर तोर से एक ही आशा हे,जीवन भर मया ल साजे रखबे।।

17.दिल के चाहत हे तोला अपन बनाए के,तोर सपना ल अपन सपना बनाए के।
तैं भले मोला अपन झन मान,फेर कसम ले सातो जनम निभाए के।।

18.ओखर साथ म रहत रहत चाहत होगे, ओखर से बात करत करत आदत होगे।
ओ एक मिनट तको नई दिखय त मन उदास हो जथे,
ओखर संग मितानी करत मुहब्बत होगे।।


19.जरूरी नई हे के हर सपना पूरा हो जाय,जरूरी नई नई हे के जेन कल होय हे तेन आज हो जाय।
एक बार तो मया कर ले आज संग म हौं, फेर जरूरी नई हे के जिनगी म कभू  मुलाकात हो जाय।।

20.एक दिन अइसे आवय  मोर मया तोर दिल म समा जाय।
बस तैं अउ मैं रहन, अउ समय तको रुक रुक जाय।।


21.ओ चढ़ा के मया के नशा, अब कथे जादा नशा ठीक नई हे।


22.का बतावँव मोर मयारु कइसे हे,
ओ ह चन्दा जइसे हे,
अरे नही चन्दा ओखर जइसे हे।

23.तोर मया के निशान अइसे छपे हे मोर हिरदे म,न थोरकिन न बहुतकिन कोई हिसाब नई हे।
पूछ मत कतका मया करथस,अतका मया करथों के कोई जवाब नई हे।।

24.रोज छुथे तोर याद रात कन सपना बन के,होत बिहनिहा आथे घाम बन के।
तोर मया के ठंढा पुरवाई,साँझकन आथे छाँव बन के।।

25.तोला भुलाय के बहाना करथौं,फेर भुलावँव कइसे,तोर याद ल हिरदे ले मिटावँव कइसे।
मोर हर खुशी तोर खुशी से हे, फेर अपन मया ल तोला देखावँव कइसे।। 

26.हिरदे के किताब म गुलाब हे तोर,रातकन सपना म खयाल हे तोर।
तैं झन पुछबे कतका मया हे तोर बर, मर जाहुँ तोर बिना ये जवाब हे मोर।।

27.कइसे कहौं तोर सुरता सतावय,कइसे कहौं मोला नींद नई आवय।
तोला लगथे मैं बहाना बनाथौं,कइसे कहौं तोर बिना दिन नई पहावय।।

28.आँखी के तोर काजर गोरी,निंदिया ल तोर चुराथे ओ।
माथा के तोर बिंदिया रे गोरी,रही-रही पगला बनाथे ओ।।

29.घेरी बेरी तोर पारा जाथौं,तोला देखे के बहाना।
तैं भर अनजान बने हस,फेर जानत हे पूरा जमाना।

30.मया बढ़ाए जिये ल सिखाए,मोर हिरदे के कुरिया म तैं जघा बनाए।


कहाँ चले गये आश बंधाके, महुँ आवत हौं संग लगा ले।।

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