दोस्तों ,जैसा कि आप सभी जानते हैं ,छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है ,जहां की विविधता ही इसकी पहचान है। छत्तीसगढ़ का नाम यहाँ के छत्तीस गढ़ों के कारण पड़ा है। छत्तीसगढ़ के सभी भागों संस्कृति ,खान -पान ,वेश-भूषा में विविधता आसानी से देखा जा सकता है।लोक गायन और लोक नृत्य में विविधता छत्तीसगढ़ का पहचान है।
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इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध राउत नाचा में गाये जाने वाले दोहे दिया जा रहा है ,यदि आप राउत नाचा में जातें हैं तो ये दोहे आपके लिए मददगार हो सकता है।
Chhattisgarh में लोक नृत्य राउत नाच जितना प्रसिद्ध है ,उतने ही प्रसिद्ध उसमे कहे जाने वाले दोहे हैं ।किसी भी नृत्य में dance करने के लिए song जिस प्रकार जरूरी है उसी प्रकार राउत नाच के लिए दोहा जरूरी है।दोहा के इसी महत्व को ध्यान में रखकर आप सब के लिए प्रस्तुत है छत्तीसगढ़ी में कुछ दोहे .....
दोस्तों इन दोहे को आप लोग याद कर लेते हैं तो जब आप लोग मड़ई मेला में नाचने जाएंगे उस समय आप लोगों के दोहे को सुनकर लोग आपको देखते ही रह जायेंगे।
दोहे
1.ये चित्रकूट के घाट में ,भय सन्तन के भीड़ हो ।
तुलसी दास चन्दन घिसय ,अउ तिलक लेत रघुबीर हो।।
2.अड़गा टूटे बड़गा टूटे, अउ बीच म भूरी गाय हो।
उहां ले निकले नन्द कन्हैया, भागे भूत मसान हो।।
3.हाट गेंव बाजार गेंव, उँहा ले लाएव लाड़ू रे।
एक लाड़ू मार परेव, राम राम साढू रे।।
4.चन्दरपुर के चन्द्रहासनी ल सुमरौं, डोंगरगढ़ बमलाई ल।
रावणभाठा के बंजारी ल सुमरौं ,रायपुर के महाकाली ल।।
5.कागा कोयली दुई झन भईया ,अउ बइठे आमा के डार हो।
कोन कागा कोन कोयली, के बोली से पहचान हो।।
6.भरे गांव गितकेरा बाबू ,बहुते उपजे बोहार हो।
पाइया लागव बंसी वाले के, झोकव मोरो जोहार हो।।
7.जै जै सीता राम के भैया, जै जै लक्षमण बलवान हो।
जै कपि सुग्रीव के भईया ,कहत चलै हनुमान हो।।
8.बाजत आवय बासुरी, अउ उड़त आवय धूल हो।
नाचत आवय नन्द कन्हैया, खोचे कमल के फूल हो।।
9.सबके लाठी रिंगि चिंगी, मोर लाठी कुसवा रे।
नवा नवा बाई लाएव, उहू ल लेगे मुसवा रे।।
10.आगे देवारी तिहार रे भईया ,घर घर दिया जलाए हो।
नवा नवा कपड़ा पहिने ,अउ घर आंगन सजाए हो।।
11.जय महामाई मोहबा के भईया, अखरा के गुरु बैताले ।
चौसठ जोगनी जासल के भईया, भुजा म हो हौ सहारे।।
12.भाई दुलारे बहिनी, अउ बहिनी दुलारे भाई।
मोला दुलारे मोर दाई दद, गोरस दूध पिलाए।।
दुधे खाईहौ पुते फलीहौ ,जिहौ लाख बरिसे।।
14.पौनी पौनी के ह मालिक भये संगी, गिन गिन के कोतवाल हो।
पूछत पूछत आएन संगी ,तुंहर आंगन द्वार हो।।
15.जइसे मालिक लिए दिए ,तइसे देबो आशीष हो।
बेटवन बेटवन तोर घर भरे मालिक ,के जुग जीये लाख बरिस हो।।
16.पूजा परत पुजेरी के संगी,धोवा चाँउर चढ़ाय।
पूजा परत मोर गोवर्धन के भईया, सोभा बरन नई जाय ।।
17.तोर मया के छाइहा म दाई, फरेन फूलेन हरियाएन।
छत्तीसगढ़ीन दाई हमर,लईका लोर कहाएन।।
18.मोर गॉव के मुखिया तोला सुमिरौं,कोठा के गोर्रैईया।
मेंड़ो तीर के कुड़हीन दाई,मथुरा के गाय चरईया।।
19.राम,लखन घर ले निकल के चले हे दुनों भइय्या।
राम के प्यारी जनक दुलारी संग म सीता मइय्या।।
20.सब गोपियन के बीच बइठे, छेड़े प्रीति के तान।
गाय चरइया मन के मोहना,गोकुल के नन्द लाल।।
21.राम-राम के बेरा संगी,राम के गुन ल गाए हो।
जग के तारन हारी भईया, भौं सागर पार लगाए हो।।
22.मोर गॉव के ठाकुर देंवता,कुल के रखिहौ मान हो।
भूल-चुक ल माफी देहु,तोरेच लईका तान हो।।
23.आमा से ले, अमली से ले ,से ले तैं रुख-राई हो।
एखर ले फर-फूल मिलय,चलय सुघ्घर पुरवाई हो।।
24.आगे देवारी तिहार रे संगी,सुनता के दिया जलाले हो ।
फुलयँ फरयँ सब बाढ़यँ भइया, मिल के दिन बिताले हो।।
25.उचकीच घोड़िया मोहबा के, अउ ऊदल कुदावय घोड़।
चढ़ के देखय रानी सुरमा,पहुंचय देवरा मोड़।।
26.ये बाघ बजावै बघ डुम्मर रे ,अउ कोल्हू मिलावै कुच।
अहीर बजावै बासुरी त,नाचय झांझ मंजूर।।
27.मातर-मातर कहिथें भइया मातर जीव के काल रे।
कोखरो फुटय माड़ी कोहनी,अउ कोखरो फुटय कपार रे।।
28.भागत भठइला भांठा म ,बैहा जाय लदान।
अउ उड़त कन्हइया नई चीन्है बइरी ल,सांगिन म दै टोभाय।।
29.कौड़िन कौड़िन माया ल जोरे, जोरे लाख करोड़।
आही बुलऊवा राम के ,ले जाहय निगोटी छोर।।
30.सरस्वती ने सुर दिए,गुरु ने दिए ज्ञान।
माता पिता ने जन्म दिए,रूप दिए भगवान।।
31.गंगा बड़े गोदावरी ,के तीरथ बड़े प्रयाग।
सबसे बड़े अयोध्या ,जहाँ राम लिए अवतार।।
32.घाट-घाट म लक्ष्मन मिलय, आवघाट म मिलय राम।
अशोक वाटिका म सीता मिलय, लंका म मिलय हनुमान।।
33.तुलसी ए संसार म ,पाँच रतन हे सार।
साधु मिलन अउ हरी भजन,दया ,दीन्ह, उपकार।।
34.बड़ा हुआ सो क्या हुआ,जैसे पेड़ खजूर।
पंछी को छाया नही, फल लागे अतिदूर।।
35.राम नाम का लूट है,लूट सको तो लूट।
अंत समय पसताओ गे, जब प्राण जाएगा छूट।।
36.संगत करले साधु के,भोजन करले खीर ।
बासा करले बनारस के,मरना गंगा तीर।।
37.का संगत करे साधु के,दरदर ठोकर खाय।
संगत करले बाढ़े बेटा के,जियत भर कमई खवाय।।
38.का संगत करे बाढ़े बेटा के ,बहु आय तिरियाय।
संगत करले अपन नारी के,जियत भर सेवा बजाय।।
39.का संगत करे अपन नारी के,मरे म दूसर बनाय।
संगत करले प्रभु राम के,परम् धाम पहुँचाय।।
40.आगे-आगे राम चलत है,पीछे म लक्ष्मण भाई।
माझ मझोलन सिया जानकी,चित्रकोट बर जाई।।
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41 Comments
very nice
ReplyDeleteBanelagi
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteरंग सागर के महावीर ल सुमिरव संगी ,आऊ
ReplyDeleteमरार बड़ी महमाई हो ,आऊ बस्ती के ठकुर देव हो,
👏☝️👏👏👏
DeleteBad suggr he
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteनदिया तीर मा बैहे कोकडा संगी अउ मछरी बिन बिन के खाये हो । कोकडा के पाछु म काटा गढ़ के कोय कोय नरियाय हो।।
ReplyDeleteबड़ा सुघ्घर लगिस हे
Deleteबड़ा सिघ्घर लगिस हे
ReplyDeleteजय यादव जय माधव
ReplyDeleteजय माधव
DeleteMast lagish ga Bhai
ReplyDelete🙏🙏🙏
DeleteDhanayavad Bhai Doha dale bar
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
Deletejay yadav jay madhaw thanq bhaiya nice doha
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
Deleteबहुत बढ़िया संगवारी हो।
ReplyDeleteधन्यवाद संगी
Deleteबहुत सुंदर भैया जी
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteवृन्दावन के वृक्ष रे, के मर्म न जाने कोय ,
ReplyDeleteडाल डाल और पत्र म भईया राधे राधे होय।।
बार बार बरजेव रे केवटा झन डालबे तै नदी म
ReplyDeleteजाल रे,
देखे घाट करिंगा के रे गिरही रात बिकाल रे ।।
विकेश अहीर
कोरबा (छ. ग)
बहुत बढ़िहा दोहा सर जी
ReplyDeleteBhut bdhiya..
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏
Deleteअति सुघ्घर दोहा हे जी मस्त लागिस औ बढ़िया बढ़िया दोहा डालव जी जय छत्तीसगढ़
ReplyDeleteMohini Manrangi Re - Lyrics Jeet Sharma Jyotsana Tamrakar Chhaya Chandrakar
dhanyvad
DeleteSahich ye ga
Deleteगाहब हवै तौर तुलसा पान, आउ तौर गाहाब चले पुरवाही। अरे गहब दूध रे धोऊवरी के , जेकर परमेश्वर भोग लगाही ।।
ReplyDeleteBAHUT SUGHGHAR
Deleteबीच समुंदर डोंगा रहे , आऊ खेवत हस पतवार। रहे भरोसा राम के , पार लगाय भवसागर ।।
ReplyDeleteJAY JOHAR
Deleteबहूत सुंदर और भेजो
ReplyDeleteJI
DeleteMaja aa gee
ReplyDelete52 गज के किला रे उद्दाल, जिन्हा के 53 लाख आस्वारे।
ReplyDelete52 थाना नैनागढ़ के जिंहा के रकबा सर ग आऊ पताले
बहुत उपयोगी है भैया
ReplyDeleteजय यादव, जय माधव..!!
Thank you for this it's absolutely very good for my project i got 25 out of 25 once again thank you for this
ReplyDeleteJai sree Krishna
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