छत्तीसगढ़ में पहेली या जनउला का अपना अलग ही महत्व है। छत्तीसगढ़ी पहेली मौखिक रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहा है ।वर्तमान में छत्तीसगढ़ी भाषा के बढ़ते महत्व के कारण छत्तीसगढ़ी पहेली को अब लिखित रूप में सँजोकर कर रखा जा रहा है। chhattisgarhi paheliyan या janaula आप सब के लिए नीचे प्रस्तुत है -
छत्तीसगढ़ी पहेलियाँ (जनउला) With Answer
यहाँ पर हमारे छत्तीसगढ़ की प्रचलित जनउला की लिस्ट दिया जा रहा है। इन सभी cg पहेलियों का उत्तर नीचे है। लेकिन आप कोशिश करें उत्तर अपने आप जानने की। अगर नहीं जान पाए तो उत्तर उपलब्ध है ही -
1.नांनकन लईका कूद-कूद के पार बाँधय ।
2.नांनकन लईका दु कौरा खाय बोडरी ल दबाबे त रस्ता दिखाय ।
3.नांनकन डिबिया म डिबडाब नई जाने त चुपचाप।
4.नांनकन लईका गोटानी असन पेट कहाँ जाबे टुरा रतनपुर देश ।
5.तीन गोड़ के तितली नहा खोर के निकली।
6.एक गोरसी म दु अंडा एक गरम एक ठंढा।
7.उचकी घोड़ा म पुचकि लगाम ,उहूम बइठय ससुर दमांद।
8.पूरब दिशा से आइस जोगी एके गोड़ एके टोपी।
9.चकरी रे चकरी ओखर गांठे गांठ म रस नई जानबे त पांच रुपया रख।
10.सुक्खा तरिया म कोकड़ा फड़फड़ाय।
11.बत्तीस पीपर के एक्केच पत्ता।
12.खोरोर खोरोर खोररी 6आँखी 3 बोररी।
13.छितका कुरिया म बाघ गुर्राय।
14.काटे म कटावय नही बोंगे म बोंगावय नही।
15.हमर ममा के नौ सौ गाय रात चरावय दिन बेड़े जाय।
16.एक किला के दु दरवाजा उहू म निकलय सम्भू राजा।
17.दद के एक ठन दाई के दु ठन।
18.एदे ओदे का ए बता।
19.लाली बुलावत हे कोकी डरुहावत हे।
20.चारा के रहत ले चर बोकरा चारा सिरागे त मर बोकरा।
21.जतके रोय ततके खोय।
22.चार गोड़ धरती चलय, दु गोड़ चलय आकाश ,चार मुड़ एक बिना जीव के, पंडित करौ बिचार।
23.एक सिंघ के बोकरा मेरेर मेरेर नरियाय
मुह डहर ले चारा चरय बाखा ले पगुराय।
24.देखे म लाल लाल छुए म गुज गुज
चाब दिस दाई अबड़ कन बुब्बू।
25.बाप बेटा के नाम एक्के नाती के नाम औरे।
26. आइठे गोइठे पार म बइठे।
2.नांनकन लईका दु कौरा खाय बोडरी ल दबाबे त रस्ता दिखाय ।
3.नांनकन डिबिया म डिबडाब नई जाने त चुपचाप।
4.नांनकन लईका गोटानी असन पेट कहाँ जाबे टुरा रतनपुर देश ।
5.तीन गोड़ के तितली नहा खोर के निकली।
6.एक गोरसी म दु अंडा एक गरम एक ठंढा।
7.उचकी घोड़ा म पुचकि लगाम ,उहूम बइठय ससुर दमांद।
8.पूरब दिशा से आइस जोगी एके गोड़ एके टोपी।
9.चकरी रे चकरी ओखर गांठे गांठ म रस नई जानबे त पांच रुपया रख।
10.सुक्खा तरिया म कोकड़ा फड़फड़ाय।
11.बत्तीस पीपर के एक्केच पत्ता।
12.खोरोर खोरोर खोररी 6आँखी 3 बोररी।
13.छितका कुरिया म बाघ गुर्राय।
14.काटे म कटावय नही बोंगे म बोंगावय नही।
15.हमर ममा के नौ सौ गाय रात चरावय दिन बेड़े जाय।
16.एक किला के दु दरवाजा उहू म निकलय सम्भू राजा।
17.दद के एक ठन दाई के दु ठन।
18.एदे ओदे का ए बता।
19.लाली बुलावत हे कोकी डरुहावत हे।
20.चारा के रहत ले चर बोकरा चारा सिरागे त मर बोकरा।
21.जतके रोय ततके खोय।
22.चार गोड़ धरती चलय, दु गोड़ चलय आकाश ,चार मुड़ एक बिना जीव के, पंडित करौ बिचार।
23.एक सिंघ के बोकरा मेरेर मेरेर नरियाय
मुह डहर ले चारा चरय बाखा ले पगुराय।
24.देखे म लाल लाल छुए म गुज गुज
चाब दिस दाई अबड़ कन बुब्बू।
25.बाप बेटा के नाम एक्के नाती के नाम औरे।
26. आइठे गोइठे पार म बइठे।
27.तोर ददा रहय टेड़गा बेड़गा तोर दाई रहय थारी तोर बहिनी रहय श्याम सुंदरी ओखर फुलगी नाक कारी।
28.काटे रुख उल्होवय नही।
29.उरीद उरीद के कोठरी मुंगन देव के गाय बिन दूध के बछरू पाछु पाछु जाय।
30.बिन मुड़ के राक्षस गंगा देव सराय हाड़ा के तो चिता जलएव चमड़ा के नहना बनाय।
31.लोदा बइठे फोदा कमावत हे।
32.कारी गाय करार म बइठे।
33.एक ठन दिया के घर भर भूसा।
34.रामनाथ बारी म जगन्नाथ काटा ओ म फरय 25 ठन भाटा।
35.गरजत आवय घुमरत आवय टोरत आवय लोई ए काहनी ल नई जाने त लागय मोर नंदोई।
36.बइठे बइठे बकबक बाढ़य।
37.12 महीना के भात हेरे के बेर ताते तात।
38.नरकुल दद जरकुल दाई फुलमत बहिनी फोदल्ला भाई।
39.डलियन डलियन टुटय बजरियन जाय।
40.छै गोड़ दु पाखी मुड़ ले बड़े आँखि।
41.बरदी ल उबेर के खरही ल दुहय।
42.एक निसयनी के बारा पक्ति।
43.बिना मुड़ी के चिरई पंख कई हजार।
44.रात खड़े दिन पड़े।
45.रात रोये दिन सोये।
46.तीर तीर म पचरी बीच म मोंगरी मछरी।
47.टेड़गा बेड़गा रस्ता बीच म कुआँ।
43.बिना मुड़ी के चिरई पंख कई हजार।
44.रात खड़े दिन पड़े।
45.रात रोये दिन सोये।
46.तीर तीर म पचरी बीच म मोंगरी मछरी।
47.टेड़गा बेड़गा रस्ता बीच म कुआँ।
48.एक बित्ता के कोठरी नौ लाख गइया अमाय।
49.रेंगत रेंगत धरसा परगे खोजे म मिलय न गोबर।
50.अरी अउ सरी, लुगरा कस धरि ,पांजर म फूल फुलय, माथा म फरी।
51.ठुडगा रुख म बूड़गा नाचे।
52.अउर न मउर बिन फोकला के चउंर।
53.एक रुख के एक्के पत्ता।
54.पांच कबूतर पांचों रंग, महल म घुसरे त एक्के रंग।
55.एक चलै चिता के चाल म , दूसरा घोड़ा होय।
तीसर चलै हाथी के चाल म ,तभो ले सामना होय।।
56.फरय न फुलय सूपा सूपा टूटय।
57.भरे तरिया म ,टेड़गी रुख।
58.तीन गोड़ धरती खड़े, एक गोड़ चले अगाश,बिन बादर के पानी बरसे,गुनी करौ बिचार।
59.करिया बइला बइठे हे, लाल बइला भागत हे।
60.हरदी के गोपगाय पीतल के लोटा,इन जानही एला तेन बेंदरा के बेटा।
61.कस रे पर्री टुरी तोला जर आय हे का,कस रे मेछर्रा टुरा मोला ले जाबे का ।
62.नानकन लईका राजा संग, बइठ के भात खाय।
ओ जूठा ल राजा खाय त, बीमार पड़ जाय।।
63.एक बाई के दु लुगरा,ओहू म ओखर पाछु डहर उघरा।
64.चार कुंवा बिना पानी के,अट्ठारा चोर एक रानी हे।
65.एक ठन घर के सुनौ कहानी ,करले संगत बनजा ज्ञानी।
66.बीच तरिया म,गोबर चोता।
67.फूल फुलय रिंगी-चिंगी, फर फरय लमडोरा।
68.एक झन गरीब जेखर पेट म लकीर।
69.दुरुग के डोकरी पाछु डहर मोटरी।
70.गोल गोल दिखे म लाल,लुगरा पहिने सौ पचास।
1.सुई, 2.टार्च, 3.आँखी, 4.नरियर, 5.समोसा, 6.चँदा सूरज, 7.बाल्टी रस्सी अउ कुंवा, 8.पिहरी, 9.जलेबी, 10.लाई, 11.दाँत जीभ, 12.हल बैल अउ किसान, 13.जांता, 14.छाया, 15.चंदा अउ तारा, 16.नाक अउ रेंमट, 17.गोत्र, 18.नजर , 19.बोइर अउ कांटा, 20.चिमनी, 21.मोमबत्ती, 22.मुर्दा अउ ओला उठाय आदमी,23.पिसनही, 24.मिरचा, 25.मउहा, 26.पगड़ी, 27.परसा पेड़, 28.नाल, 29.कूकरी, 30.पटुवा( पटसन), 31.घर लिपनी, 32. हड़िया, 33.चिमनी, 34.केरा, 35.करा(ओला), 36.घुरवा, 37.घुरवा, 38.कुमड़ा, 39.पान पत्ता, 40.माछी, 41.मछेव अउ छाता,42.छाता,43.पुस्तक,44.गेरवा,
45.मोमबत्ती,46.दांत अउ जीभ,47.कान,48.मिरचा,
49.चाटी,50.जोंधरी,51.टँगीया,52.मउहा,53.झंडा,54.पान,55.घड़ी,56.राख,57.चिंगरी,58.कुकूर,59.आगी,60.,बेल,61.रोटी अउ बिलई,62.माछी,63.माछी,
64.केरम अउ गोली,65.पुस्तकालय,66.कछुवा,
67.मुनगा,68.गहूँ,69.मेकरा,70.गोंदली।
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🔷 हिंदी की पहेलियाँ उत्तर सहित।
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🔷छत्तीसगढ़ी कहानी-समधी अउ कोर्रा।
🔷छत्तीसगढ़ी कहानी-गुडुक।
हमने छत्तीसगढ़ की जनउला और उसके उत्तर इस पोस्ट में बताया है। अगर आपको लगे कि किसी पहेली की उत्तर में कोई त्रुटि हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। अगर आपके पास भी छत्तीसगढ़ी जनउला हो तो उसे निचे कमेंट बॉक्स में हमसे शेयर जरूर करें। जय छहत्तीसगढ़ महतारी !
19 Comments
बहुत ही सुंदर संग्रह है ।
ReplyDeleteAgar le dular le dhar ke kachar de ka kya hoga
Deleteकंडा (छेना)
ReplyDeleteमस्त जनउला जनवाए संगी अउ जवाब ह तको संहि लगिस हे
ReplyDeleteबहुत ही सुघ्घर जनउला हावे संगी...!
ReplyDeleteहमर छत्तीसगढी जनउला बहुत सुघ्घर हे ..
ReplyDeleteMajedar janaula he
ReplyDeleteपिहरी का मतलब क्या होता है
ReplyDeleteमशरूम
Deleteछत्तीसगढ़ी कविता,कहानी,कहावत,जोक्स तको लिखे हौं।google म www.hamargaon.com लिख के खोजहु त मिल जाहि ।पढ़ के जरूर बताहू कइसे लगिस।
Deleteबहुत अच्छा संग्रह है पढके बहुत ही अच्छा लगा
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
DeleteGjb he
ReplyDeleteGjb he
ReplyDeletedhnyvad
Deleteएकदम बढिया हावय जी संगवारीं
ReplyDeletedhanyvad
DeleteFound your post interesting to read. I cant wait to see your post soon. Good Luck for the upcoming update.This article is really very interesting and effective.
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